पहाड़ की दहाड़ देहरादून…………………..भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी एक समाजिक सेवा संगठन जो समाज में निस्वार्थ समाजहित और स्वस्थ से जुड़े सभी कार्यों मैं अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाता है कोविड काल से लगातार भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारी व सदस्य हर क्षेत्र में अपनी जान की परवाह ना करते हुए निस्वार्थ योगदान देते आ रहे हैं यह बड़ी गर्व और सम्मान की बात है जो अपना जीवन दूसरों के लिए जीते हैं इसी का एक उदाहरण है भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी जो तन मन धन से खासकर कोविड की शुरुआत से लेकर लगातार समाज के लिए जी रहे हैं जब-जब समाज को भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की सहायता की आवश्यकता हुई भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्य सदैव तैयार मिले
उत्तराखण्ड रेडक्रास सोसायटी संरक्षक राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह अभी तक गुडफेथ में संस्था के कर्ताधर्ताओं के किये धरे पर मुहर लगा देते हैं। लेकिन कल अगर उन्हें इसमें चल रही संकीर्ण स्वार्थ सिद्धि की भनक लगती है तो फौजी पृष्ठभूमि के चलते वे कम से कम निस्वार्थ और उपेक्षित स्वयंसेवियों के साथ हो रहे अन्याय को कतई स्वीकार नहीं करेंगें,यह तय है। तब वे क्या अनुशासनात्मक कदम उठायेंगें,यह उनके तब के मूड़ पर निर्भर होगा। इस संस्था में राज्यपाल बहुत कुछ करने में सक्षम है और संस्था के क्रियाकलापों को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। यह भी संभव है कि राज्यपाल ने सदस्य संख्या पांच लाख करने का आव्हान भी संस्था पर से कुछ लोगों की पकड़ ढीली करने को ही किया हो। इसका अर्थ यह हो सकता है कि राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह को गड़बड़ी की भनक लगी हो सकती है और वे संस्था में लोकतांत्रिक परिवर्तन चाहते हो।
भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के कई सालों से महासचिव रहे डॉक्टर एमएस अंसारी, कोषाध्यक्ष राज्य आंदोलनकारी मोहन सिंह खत्री, सचिव कल्पना बिष्ट, चेयरमैन सुभाष सिंह चौहान….. सभी पदाधिकारियों द्वारा सोसाइटी के सभी सदस्यों के साथ मिलकर समाज के लिए जागरूकता अभियान से लेकर रक्तदान स्वास्थ्य के संबंधित सभी कार्य बड़ी निष्ठा व सेवा भाव से निस्वार्थ किए गए
30 जून 2023 महामहिम राज्यपाल जी द्वारा कोविड काल में उत्कर्ष कार्य करने वालों को किया सम्मानित…….प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश भर से 91 व राज्य से 6 रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्य व अधिकारी सम्मिलित थे तथा अन्य सदस्य भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे परंतु भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के कई ऐसे नाम व चेहरे हैं जिन्होंने कोविड काल में तन मन धन से अपनी जान की परवाह ना करते हुए पूरे कोविड काल में कार्य किया परंतु कार्यक्रम की सूचना तक प्राप्त ना होने से भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के ऐसे सदस्यों ने नाराजगी जताई व कई सवाल भी उठाए
पुष्पा भल्ला…… कई वर्षों से भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की सदस्य हैं कोविड काल में हॉस्पिटल से लेकर सड़कों तक जरूरतमंदों की मदद की हॉस्पिटलों में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर ,खाने की सामग्री,से लेकर दवाई तक अपने स्तर पर सेवा की परंतु कार्यक्रम की सूचना तक नहीं आखिर ऐसा क्यों???
विकास कुमार……. अपनी टीम…… पीयूष मल्होत्रा, सचिन अरोड़ा, गीता शर्मा, अनीता देवी, अंकिता जगमोला, नमन ,अंतेजा बिष्ट, पार्वती पाण्डे, राजीव गुप्ता, मनोज धीमान ,आदि…….. के साथ कोविड काल में रक्तदान से लेकर अनाज वितरण, मास्क, सैनिटाइजर, दवाई, हॉस्पिटेल के मरीजों को भोजन से लेकर ऑक्सिजन ,वैक्सीनेशन कैंप तक सहायता कराई उपल्ब्ध कई संगठनों से हुए सम्मानित अपने ही संगठन में हो गए बेगाने…….
मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन,देहरादून उत्तराखंड लगातार 6 वर्षों से सामाजिक कार्यों में संलग्न है इसके अंतर्गत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण, गरीब बच्चों की शिक्षा, असहाय लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं मे सहायता, मानवाधिकार संबंधी कार्य, जेल विजिट जेल में ,कैदियों को मेडिकल सुविधाएं प्राप्त करना, गरीब लोगों को कानूनी सहायता प्राप्त करना,महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी देना, उनसे संबंधित बीमारियों के लिए जागरूकता अभियान,और मेडिकल कैंप कराना, नशा मुक्ति जागरूकता अभियान पर कार्य करता रहा है । मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्यता के अंतर्गत करोना वैश्विक महामारी के दौरान विषम परिस्थिति में 14 मार्च से ही अपना योगदान लगातार दे रहा है। जब देश इस भयावह बीमारी का सामना कर रहा था लॉकडाउन से पहले ओर उसके पश्चात भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसमें संगठन द्वारा पत्रकारो, पुलिस एवम प्रशासन के माध्यम से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में मास्क, सैनिटाइजर, भोजन वितरण, राशन वितरण, इम्यूनिटी बूस्टर वितरण, वस्त्र वितरण ,ग्लव्स विषम परिस्थितियों में बाहर जाने वालों के लिए पास की व्यवस्था आदि का योगदान दिया। जिसमें सभी जरूरतमंद लोगों की सहायता की गई जिसमें संगठन के चेयरमैन श्री सचिन जैन महासचिव मधु जैन एवं संगठन के पदाधिकारियों ने तन ,मन, धन से सहयोग किया। साथ ही साथ कई जगह जागरूकता अभियान भी चलाए जिससे सभी सतर्क रहें, सचेत रहें, स्वस्थ रहें। इसके अलावा संस्था द्वारा लोगो के आपसी सहयोग से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री राहत कोष में लगभग 500000/- की धनराशि का सहयोग करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।इसके अलावा पुलिसकर्मियों सफाई कर्मचारी डॉक्टर,स्वास्थ्यकर्मी,पत्रकारों को समय-समय पर सैनिटाइजर, ग्लव्स, चवनप्राश, सेवादार,मास्क, इम्यूनिटी बूस्टर मेडिसिन आदि प्रदान किए गए ।इसके अलावा कोरोना वारियर्स के लगभग 300 पुलिसकर्मी डॉक्टर ,पत्रकार, सफाई कर्मचारी को मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन के प्रशस्ति पत्र ओर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया ।…….वितरित सामग्री का विवरण…… मास्क 3000 पीस ,सैनिटाइजर 600 पीस ,भोजन के पैकिट 500 पैकेट, सूखा राशन 800 किट, वस्त्र वितरण 150 पीस, ग्लव्स 400 पीस, इम्युनिटी बूस्टर दवा 800 पीस , वितरण करने का सहयोग प्राप्त हुआ अब ऐसे में जिस संगठन से जुड़े हैं सम्मान के समय वही संगठन अनदेखा करें जो सवाल उठेंगे ही…….
डॉ. मुंशीर अंजुम…………. अपनी टीम नितिन कुमार, अशरफ खान, के साथ मिलकर करोना काल में 205 डेड बॉडी का अन्तिम संस्कार कर सर्वोपरि कार्य किया है जिस समय लोग एक दूसरे को छूने में डर रहे थे उस काल में 205 डेड बॉडी का अंतिम संस्कार करना अपने अपने आप में एक मिसाल है धन्य हैं ऐसे लोग जब लोग अपनों को दूर से देख रहे थे ऐसे में अंतिम संस्कार कर उन 205 डेड बॉडी को लावारिस नहीं होने दिया ऐसे लोगो को सम्मान देना अपने आप में सम्मान है सम्मान समारोह में नाम गायब और कोई सूचना नहीं बड़ा ही दुर्भाग्य है……..ऐसे ही और अन्य कोविड में उत्कर्ष कार्य करने वालो कोरोना वारियर के नाम गायब है ज्योति मोहन ढींगरा, विशाल कुमार, राहुल सोनकर, रविंद्र आदि……
रेणु सेमवाल ……………… समाज सेवा करने के लिए किसी संगठन के सर्टिफिकेट या अवार्ड की आवश्यकता नहीं है