चीन के टॉप टेन करोबारी में शुमार सामाजिक उधमी देव रतूड़ी का घनसाली में हुआ सम्मान ।उन्होंने कहा कि शिक्षा व मेहनत का कोई विकल्प नही। अपनी सामाजिक संस्कृति को बचाने की आवश्यकता है।


पहाड़ की दहाड़ —“इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच” घनसाली द्वारा उपलब्धि का सम्मान भी, सम्मान संग जलपान भी” कार्यक्रम के तहत विधानसभा घनसाली के ग्रामसभा केमरसौड़ के मूल निवासी एवं वर्तमान में चीन में मशहूर होटल व्यवसायी सामाजिक उद्यमी एवं अभिनेता देव रतूड़ी का सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मंच द्वारा उनका माल्यार्पण एवं शॉल भेंटकर तथा पहाड़ के गांधी इंद्रमणि बडोनी जी का चित्र स्मृति चिन्ह स्वरुप प्रदान कर उनकी उपलब्धियों एवं उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर बहुआयामी सामाजिक उद्यमी श्री देव रतूड़ी ने अपने संघर्षो से इस मुकाम तक पहुँचने के अपने खट्टे मीठे अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जीवन में मेहनत व शिक्षा का कोई विकल्प नही है , शिक्षा जीवन में बड़ा परिवर्तन लाती है। उन्होंने कहा कि वह खुद सात विदेशी भाषा जानते है। सामाजिक उधमी श्री देव रतूड़ी ने कहा कि आज सबसे बड़ी आवश्यकता अपनी संस्कृति व संस्कारों को बचाने की है। हमें अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक मूल्यों के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमे सरकारों के भरोषे नही बैठना है। सरकार गरीबी नही हटा सकती है। युवा अपनी मेहनत व लगन से गरीबी दूर कर सकते है। हमारे पास पहाड़ व प्रकृति जैसे संसाधन जिसके बिना जीवन नही है।उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने भारतीय संस्कृति को अपने करोबार से जोड़ा जिससे उन्हें बड़ी सफलता मिली है। युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने श्री देव रतूड़ी ने कहा कि हमें बड़े सपने देखने चाहिए उसके लिए परेशानी भी बड़ी होगी लेकिन हमें हार नही माननी है अपने कौशल को बढ़ा कर मेहनत से सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह अपने करोबार में 100 लोगों को रोजगार देंगे जिसमें अधिकतर अपने पहाड़ के लोग होंगे।
उल्लेखनीय है कि श्री देव रतूड़ी की प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा अपने ही गांव- केमरसौंड से ही हुई और वर्ष1993 में रोजगार की तलाश में दिल्ली चले गये, उसके बाद वर्ष1998 में मुंबई गये जहां से उन्होंने “मार्शल ऑफ आर्ट्स” सीखा, जिसमें उन्हें “ब्राउन बेल्ट” हासिल है, उसके बाद उन्होंने पुनः दिल्ली में आकर अपना खुद का मार्शल आर्ट स्कूल खोला दो-तीन साल तक उसे संचालित करने के तदुपरांत वर्ष2005 में वह मार्शल आर्ट के जरिये अपना भविष्य को आगे बढ़ाने के लिए चीन गए लेकिनउनके जीवन में टर्निंग प्वाइंट तब आया, जब उन्होंने समय की नजाकत को समझते हुए चीन में बतौर वेटर की जॉब के साथ अपना जीवन का संघर्ष शुरू किया उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की, जिसके फलस्वरूप वर्ष2013 में भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत होटल “अंबर पैलेस” खोला और आज उनके चीन में 7(सात) होटल खुद के हैं और अपने सभी होटल्स में उत्तराखंडीयों को अधिक से अधिक रोजगार देने का भी काम करते हैं, साथ ही साथ 40 से भी ज्यादा चाइनीस फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं और चीन के class- 7th की book’s में उनके बारे में पढ़ाया जाता है, वहाँ के top-ten बिजनेसमैन में उनका नाम शुमार है और खास बात यह है, कि वहां पर रहकर भी अपने भारत, उत्तराखंड की संस्कृति, सभ्यता गीत, संगीत, रीति-रिवाजों, प्रचारित, प्रसारित एवं प्रफुल्लित करने का काम भी करते हैं और भारतीय लोकपर्वों जैसे- होली, दिवाली, कृष्ण जन्माष्टमी इत्यादि त्योहारों को भी बड़े धूमधाम से मनाने का कार्य भी करते हैं।
सम्मान समारोह के इस अवसर पर संयोजक बेलीराम कंस्वाल, अध्यक्ष एडवोकेट लोकेंद्र जोशी , पत्रकार तेजराम सेमवाल, युवा नेता अनिल चौहान, विकास सेमवाल, सरक्षक केशर सिंह रावत, प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष चंद्र बीर नेगी, शिक्षक नेता कुंवर सिंह रावत, लोकेंद्र रावत आर बी सिंह व्यापार मण्डल अध्यक्ष डॉ नरेंद्र डंगवाल, सरक्षक सुंदर सिंह कठैत, युवा कवि मनोज रमोला, आदिअनेक वक्ताओं ने श्री देव रतूड़ी जी के कठिन परिश्रम एवं संघर्षों से प्राप्त सफलता की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा, कि आप जैसे उत्तराखण्ड के लाल पर हमें गर्व है तथा आज के युवाओं के लिए आप प्रेरणा स्रोत हो। वक्तों ने कहा कि राज्य बनने के दो दशक बाद भी हालात जस कि तस है शिक्षा स्वास्थ्य व रोजगार के लिए पलायन तेजी से हो रहा है। वक्तों ने कहा कि देश विदेश में अपनी क्षमताओं का लोहा मनवाने वाले सभी साथियों को अपने क्षेत्र के विकास में भी योगदान करना चाहिए इस अवसर उनके साथ विजय प्रकाश भट्ट का स्वागत भी किया गया ।


इस अवसर पर “इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच घनसाली के संरक्षक- उत्तराखंड जन विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह रावत , संयोजक- राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त लोकजन कवि अध्यापक बेलीराम कंसवाल , अध्यक्ष- उत्तराखंड आंदोलनकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री लोकेंद्र दत्त जोशी , उपाध्यक्ष- उत्तराखंड जन विकास परिषद के महासचिव आर.बी.सिंह , कोषाध्यक्ष- पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मनोज रमोला , वयोवृद्ध, हमारे मार्गदर्शक सुंदर सिंह कठैत, व्यापार मंडल के अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र डंगवाल , पूर्व प्रधानाध्यापक कुंवर सिंह रावत , जिलाअध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ चंद्र वीर सिंह नेगी , प्रधानाध्यापक विजयचंद रमोला , पूर्व प्रधानाध्यापक रामेश्वर प्रसाद बडोनी , पूर्व वन अधिकारी किशन सिंह नेगी , राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ ब्लॉक अध्यक्ष लोकेंद्र रावत , कार्यालय मंत्री शैलेंद्र गैरोला , पूर्व अध्यापक रघुवीर सिंह रावत , अध्यापक महेश्वर सेमवाल , पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकास सेमवाल , पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल चौहान , बालगोविंद रतूड़ी (पीडब्ल्यूडी), स0शि0मं0 पिलखी के प्रधानाचार्य प्रकाश बिज्लवाण , वर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष आशुतोष बिष्ट , अम्बेडकर जनविकास समिति घनसाली के महासचिव बॉबी प्रकाश श्रीवाल , राजपाल नेगी , केशव पुर्वाल , मक्खन सिंह राणा , अध्यापक जे.डी ढौंडियाल , पत्रकार जगत से पहाड़ की दहाड़ के संपादक तेजराम सेमवाल , प्रधान टाइम से सत्यप्रकाश ढौंडियाल तथा अनेक सेवारत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकगण, विभिन्न समाजसेवी तथा राजनैतिक जन प्रतिनिधि गण आदि लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम का मंच संचालन महामंत्री विनोद लाल शाह ने किया।