उप जिलाधिकारी शैलेंद्र नेगी ने सीमांत गॉव गंगी मे सरकार जनता के द्वारा के अंतर्गत चौपाल लगाई गई तथा ग्रामीणों की समस्याएं सुनी गई ।
ग्रामीणों द्वारा उप जिलाधिकारी घनसाली के संज्ञान में लाया गया है कि ग्राम को जोड़ने के लिए पीएमजीएसवाई के द्वारा सड़क बनाई गई है जो गांव से जुड़ गई है किंतु केवल 50 मीटर की दूरी पर छोड़ दी गई है जिसे तत्काल पूर्ण करने हेतु संबंधित विभाग को निर्देशित करने की मांग की गई। ग्रामीण द्वारा अवगत कराया गया कि गांव में राजकीय हाई स्कूल संचालित है जिसमें मात्र तीन शिक्षक (हिंदी, सामाजिक विषय तथा गणित) के कार्यरत हैं अंग्रेजी तथा विज्ञान विषय के अध्यापक के पद रिक्त चल रहे हैं जिन्हें तत्काल भरे जाने की मांग की गई। गांव में प्राथमिक विद्यालय भी संचालित है जिसमें दो शिक्षक कार्यरत हैं। ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई कि गांव को अभी तक विद्युतीकरण का लाभ नहीं मिल पाया है जबकि गांव के लिए विद्युतीकरण की योजना तीन-चार वर्ष पूर्व स्वीकृत हो चुकी थी लेकिन अभी तक गांव से 9 किलोमीटर दूर केवल रीहचक तक बिजली के खंबे लगाए गए हैं जो बरसात में कई स्थानों पर गिर गए हैं तथा उनकी तारे झूल रही हैं। ग्रामीण द्वारा यह भी संज्ञान में लाया गया कि उरेडा की परियोजना गांव में लागू है लेकिन सप्ताह में एक या दो दिन ही लाइट आती है । बाकी दिन लाइट नहीं रहती है। UREDA के अधिकारियों से तत्काल वैकल्पिक ऊर्जा को नियमित रूप से चालू करने की मांग की गई। ग्रामीणों द्वारा उप जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि गांव मे अभी तक लगभग 20 परिवार शौचालय विहीन हैं जिन्हें शौचालय की सुविधा दिया जाना अत्यंत आवश्यक है । इसके साथ ही ग्रामीणों द्वारा स्वजल योजना के अंतर्गत आधे से अधिक परिवारों को द्वितीय किस्त न मिलने की भी शिकायत की गई।
ग्रामीणों द्वारा उप जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि गांव में बीएसएनल का टावर स्वीकृत है तथा टावर का कार्य चल रहा था लेकिन वन विभाग के द्वारा आधे कार्य के बाद अपनी भूमि बताते हुए कार्य को रोक दिया गया है जबकि पूर्व में संयुक्त निरीक्षण के दौरान भूमि राजस्व विभाग की बताई गई थी।इस संबंध में उप जिलाधिकारी घनसाली द्वारा मौके पर ही लेखपाल तथा वन विभाग के वन रक्षक को निर्देशित किया कि संयुक्त निरीक्षण कर तत्काल प्रकरण का निस्तारण करें। ग्रामीण द्वारा जानकारी दी गई कि गांव में टीकाकरण नियमित रूप से हो रहा है। स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण ग्रामीण गंगी गांव से 20 किलोमीटर दूर घुतु के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर हैं। ग्रामीणों द्वारा गांव में प्रतिमाह एक दिन स्वास्थ्य शिविर लगाने की मांग की गई । उप जिला अधिकारी घनसाली द्वारा ग्रामीणों को आयुष्मान भव कार्यक्रम के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड से वंचित ग्रामीणों की सूची तैयार कर तत्काल आशा एवं एएनएम को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों द्वारा गांव में आधार शिविर लगाने का भी अनुरोध किया गया। ग्रामीणों द्वारा खाद्यान्न योजना के अंतर्गत खाद्यान्न मिलने की जानकारी भी दी गई । ग्रामीण द्वारा बताया गया कि गांव में सभी पात्र व्यक्तियों को वृद्धा, विधवा, दिव्यांग तथा किसान पेंशन प्राप्त हो रही है । ग्रामीणों द्वारा जानकारी दी गई कि गांव में सोहनलाल एवं अन्य कुछ व्यक्ति हैं जिन्हें आवास योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त नहीं हुआ है तथा उन्हें शीघ्र ही आवास योजना के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराया जाए। ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया है कि उनका मुख्य व्यवसाय पशुपालन है किंतु पशुपालन विभाग की योजनाओं का सही लाभ उनको प्राप्त नहीं हो रहा है। गांव में 15000 से अधिक भेड़ एवं बकरियों का पालन किया जा रहा है। इसके साथ ही घोड़ा खच्चर , गाय आदि का पालन भी किया जा रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा गांव में शिविर लगाकर विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने की मांग की गई। ग्रामीणों द्वारा जन्म -मृत्यु प्रमाण पत्र तथा परिवार रजिस्टर की प्रति प्राप्त करने में कठिनाई होने की शिकायत की गई । ग्रामीणों द्वारा गांव में आलू उत्पादन के साथ ही दाल, चोलाई, फाफर आदि की खेती की जा रही है लेकिन उनके द्वारा शिकायत की गई कि इसका उचित मार्केट नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में उप जिला अधिकारी घनशाली द्वारा ग्रामीणों को स्वयं सहायता समूह तैयार कर उत्पादित अनाज को निकटवर्ती बाजार एवं मेलों में विक्रय करने का सुझाव दिया गया तथा विकासखंड के अधिकारियों को इस हेतु गांव में बैठक करने हेतु आश्वासन दिया गया । उप जिलाधिकारी घनशाली द्वारा मानसून काल में हुई क्षति के लिए ग्रामीणों को आपदा राहत कोष के अंतर्गत चेक वितरित किए गए। ग्रामीणों द्वारा जंगल जाने वाली पुलिया के क्षतिग्रस्त होने की सूचना दी गई । इस संबंध में संबंधित लेखपाल को तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही उप जिलाधिकारी घनसाली द्वारा गांव में संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं का सत्यापन भी किया गया।