पहाड़ की दहाड़ —इस बार नगर निकाय चुनाव 2018 में निर्धारित वार्ड परिसीमन के आधार पर ही होंगे। श्रीनगर और कालाढूंगी को छोड़ किसी भी दूसरे निकाय में परिसीमन नहीं होगा। इन दो निकायों को छोड़कर शेष निकायों में परिसीमन की अंतिम अधिसूचना जल्द ही जारी की जा सकती है। उत्तराखंड में निकायों का कार्यकाल दो दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इससे पहले नवंबर में निकाय चुनाव कराए जाने हैं।
28 फरवरी तक का मांगा समय
इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने शहरी विकास विभाग से 15 फरवरी तक वार्डों का परिसीमन पूरा करने के लिए कहा था। इस क्रम में शहरी विकास ने सभी नगर निकायों से डीएम के जरिये परिसीमन का प्रस्ताव देने के लिए कहा, लेकिन श्रीनगर और कालाढूंगी को छोड़ दूसरे किसी भी निकाय ने अपना प्रस्ताव नहीं भेजा। इस वजह से शहरी विकास 95 नगर निकायों में मौजूदा परिसीमन पर चुनाव की अंतिम अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है। निर्वाचन आयोग से इसके लिए 28 फरवरी तक का समय मांगा गया है।
शहरी विकास अपर सचिव नवनीत पांडेय ने बताया कि दो को छोड़कर किसी भी नगर निकाय से परिसीमन का प्रस्ताव नहीं आया है। इस कारण मौजूदा परिसीमन पर ही नगर निकाय चुनाव की संस्तुति राज्य निर्वाचन आयोग को की जाएगी। वार्ड परिसीमन के आधार पर ही निर्वाचन आयोग वोटर लिस्ट तैयार करता है।
उत्तराखंड में 97 नगर निकायों में चुनाव होंगे। उत्तराखंड में शहरी निकायों की संख्या 102 पहुंच गई है, जिसमें से बदरीनाथ, केदारनाथ एवं गंगोत्री में निर्वाचित बोर्ड नहीं होता है। रुड़की नगर निगम और बाजपुर पालिका का कार्यकाल अभी दो साल से अधिक है। इस तरह इस बार कुल 97 नगर निकायों में चुनाव होंगे। इसमें से 12 नवगठित निकायों में पहली बार निर्वाचित बोर्ड का गठन होगा, यहां वार्ड परिसीमन का काम पूरा कर लिया गया है। दूसरी तरफ, मार्च माह में शहरी विकास विभाग एकल सदस्यीय आयोग को ओबीसी सर्वे के आंकड़े मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है।