रानीखेत की रेखा पाण्डे ने स्वाभिमान व स्वाबलंबन के प्रेरणादायी पहल से नई मिसाल कायम की।

पहाड़ की दहाड़ –उतराखंड की महिलाएं पहाड़ जैसा हौसला रख कर हर स्तर पर पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर नई नई कहानियाँ गढ़ रहे है। ऐसी ही कहानी है रानीखेत की रेखा लोहानी पाण्डे की।
यदि आपको हल्द्वानी रानीखेत के मध्य महिला टैक्सी ड्राइव करते हुए मिल जाए तो आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए अब आपको इस रूट पर प्रतिदिन रानीखेत और हल्द्वानी के मध्य महिला टैक्सी संचालित करते हुए दिखाई दे सकती है हम बात कर रहे हैं रेखा पाण्डेय की जिन्होंने राज्य की महिलाओं के लिए एक ऐसी रेखा खींची उसकी बराबरी करने के लिए अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा लेनी होगी रेखा पांडेय मूलतः बागेश्वर के गरुड़ क्षेत्र के भेटा गांव की रहने वाली हैं, जिनका ससुराल रानीखेत के ताड़ीखेत में स्थित है
जिन्होंने टैक्सी चालक बन चुनौतियों को मुंहतोड़ जवाब देकर नई नज़ीर पेश की है। रेखा लोहनी पाण्डेय टैक्सी ड्राइवर का काम पिछले तीन महीने से कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने बाकायदा परिवहन विभाग से अपना लाइसेंस बनवाया वे उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर होंगी।
टैक्सी चालक रेखा के पति फौज से रिटायर्ड हैं। उन्होंने बताया की पति मुकेश चंद्र पाण्डेय का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से जिम्मेदारी खुद पर ली है, हालाँकि अब पति का स्वास्थ्य सामान्य है, वह प्रतिदिन टैक्सी सुबह रानीखेत से हल्द्वानी तक आती है और दोपहर बाद वापस रानीखेत के लिए सवारियों को लेकर चली जाती हैं। रेखा ने बताया की उन्होंने डबल एम.ए के साथ मास्टर्स इन सोशल वर्क (MSW) और और हल्द्वानी के वासुदेव कॉलेज से(LLB) की पढ़ाई कर रही है। जहां चुनौतियों के आगे अधिकांश लोग हार जाते हैं तो वही रेखा ने मुश्किल हालातों का सामना करते हुए एक ऐसी मिसाल पेश की जो वाकई पहाड़ पर एक नया अध्याय है वह इसलिए कि इसके बाद और भी महिलाओं को रेखा लोहानी पाण्डे को देख कर भी आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह आज के इस कंपटीशन के दौर में समाज के साथ डटकर कदमताल कर सकेंगी । राज्य के परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने भी उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर रेखा पाण्डेय से फोन पर बात कर उनको बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने रेखा पांडे को महिलाओं के लिए प्रेरणा बताया है उनसे बातचीत करते हुए परिवहन मंत्री ने उनको हर सम्भव सहयोग करने का भरोशा दिलाते हुए शुभकानाएं दी।