पूर्ब राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने स्वाभिमानी, स्वाबलंबी स्वरोजगरियों को कहा कि अब नोकरियों के बजाय अपने संसाधनों से आर्थिकी के विभिन्न उपकर्मों से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

पहाड़ की दहाड़ — असरकारी, अ- सरकारी स्वाभिमानी स्वाबलंबी स्वरोजगारी जन आधारित ग्राम स्वराज अभियान के तहत थर्ड आई सहस्त्र धारा में आयोजित सेमिनार के मुख्य अतिथि पूर्ब राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने कहा कि यदपि सभी लोग विभिन्न क्षेत्रों में सेवा दे रहे है लेकिन अब समय आ गया है की नौकरियों के बजाय स्वरोजगार के लिए बेहतर सार्थक प्रयास किये जाय उन्होंने बताया कि उतराखंड में अंग्रेजी काल से ही नौकरी की चाहत रही है। कुछ लोग आगे बढ़ गये। सेवा के विविध स्वरूप से भले ही सबका एकता का भाव हो फिर भी उतराखंड में पलायन, स्वरोजगार एक चुनोती है सब को मिल कर अपने पहाड़ के संसाधनों से रोजगार आर्थिकी के लिए विविध स्वरूपों के साथ आगे बढ़ना है। पूर्ब राज्य पाल ने कहा कि हमे हिमाचल से सीख लेनी चाहिए जँहा नौकरी करने वाला भी अपने बाग बगीचे तेयार करता है। पूर्ब राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने कहा कि हम ही देव है हम ही दानव है हमें अच्छा करने वालों से सिखना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात में काम करने वालों के प्रेरणादायी प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस समय देश में गौरव को बढ़ाने वाला प्रधान मंत्री है। उन्होंने कहा कि विविध रूपों में कार्य कर रहे सभी स्वाभिमानी स्वाबलंबी उद्यमियों स्वय सेवियों को एक छाते के नीचे आने की आवश्यकता है ताकि एक दूसरे के ज्ञान, अनुभव कौशल से आर्थिकी का आंदोलन खड़ा हो सके। पूर्ब राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने कहा की हमे अपने संसाधनों से ही प्राकृतिक खेती, प्राकृतिक चिकित्सा से जीवन की खुसहाली को बढ़ना है। इस अवसर पर गो सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंथ्वाल ने कहा कि गौ सेवा, गो वंश आधारित जो स्वरोजगार कि गतिविधियों के लिए उपयोगी होगा आयोग अपना सहयोग दे भी रहा है ओर देता रहेगा। बद्री गाय के संबर्धन के लिए प्रयास किये जा रहे है। इस अवसर पदम श्री प्रेम चंद शर्मा, पदम श्री वसंती देवी ने अपने प्रेरणादायी अनुभवों को साझा किया। थर्ड आई के डॉ अवधेश पाण्डे ने शरीर की क्षमताओं का जिक्र करते हुए बताया कि हमें घबराना नही है अपने ज्ञान को बढ़ाना है। अपने शरीरिक क्रियाओं के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना है। डॉ अवधेश पाण्डे ने कहा कि गाय के दूध से सबसे ज्यादा फायदा गो मूत्र व गोबर से है।

इस अवसर पर भारत सरकार के पूर्ब सचिव डॉ कमल टवारी ने इस स्वतन्त्र स्वाभिमानी ग्राम स्वराज अभियान के विभिन्न आयामो व घटकों का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा की हमे देव भूमि उतराखंड के सामर्थ्य को समझना है जाम्बवन्त मिशन के तहत अपने बल पर कार्य कर रहे अपवादियों से सीखना है उनका अभिनंदन करना है। डॉ टवारी ने कहा कि हमें पत्रकार प्रेरित पर्यावरण परिवर्तन अभियान के साथ संतो से समृधि, गो से वृद्धि , चलो गॉव की ओर, निराशा छोड़ो, स्व को पहिचान कर ग्रामोद्योग सहकारिता, बैंक के साथ आर्थिकी का शुभ लाभी तंत्र खड़ा करना है। उतराखंड के 95 ब्लॉक में इस अभियान को गति देनी है। नीतियों में परिवर्तन के लिए सभी का सहयोग लिया जायेगा। इस अवसर सहकारी बैंक के एम डी व नीरज बैलवाल ने सहकारिता के विभिन्न स्वरोजगारी कार्यक्रमों की जानकारी के साथ सहयोग देने का भरोशा दिलाया। सेमिनार में तेजराम सेमवाल डॉ अरविंद दरामोड़ा, भोपाल सिंह चौधरी, स्वामी भास्करा नंद , समीर रतूड़ी, डॉ जे एम अग्रवाल , के के सेन, डॉ अनिल जोग्गी विक्रांत पांडे व, लोकेंद्र , हेमलता, सुरेंद्र सिंह रावत , सोनी चौहान, अनुराग चौधरी, वंशी लाल , डीजीएम वंदना लखेड़ा , मैठानी सहित अनेक समाज सेवियों ने अपने अनुभव साझा कर अभियान को गति देने का संकल्प लिया।