पहाड़ की दहाड़ –विश्व में ऊँचाई पर मानव निर्मित टिहरी झील अब पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है। राज्य सरकार व भारत सरकार टिहरी झील को पर्यटन व जल क्रीड़ा के दृष्टि से विकसित कर रही है इस वीकेंड पर टिहरी झील दिनभर पर्यटकों से गुलजार रही है। बोटिंग करने के लिए रविवार को टिहरी झील में सैलानियों का हुजुम उमड़ पड़ा। पर्यटकों की एकाएक बढ़ती संख्या से बोट व्यवसाइयों और व्यापारियों के चेहरे भी खिल उठे। रविवार को टिहरी झील में रोमांच का सफर करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से लगभग 900 सैलानी पहुंचे। मैदानी क्षेत्रों में गर्मी बढऩे से सैलानी अब बड़ी संख्या में टिहरी झील का रूख करने लगे है।
रविवार को टिहरी झील में सुबह से ही सैलानियों की अच्छी खासी आवक देखने को मिली। इससे बोट व्यवसाइयों और स्थानीय व्यापारियों के चेहरे भी खिल उठे। हरियाणा, दिल्ली, मेरठ, देहरादून, मसूरी, हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, पौड़ी और रूद्रप्रयाग से बड़ी संख्या में सैलानी झील में बोटिंग का लुत्फ उठाने यहां पहुंचे। सैलानियों की बढ़ती संख्या से बोट व्यवसाय और स्थानीय व्यापारी खासे उत्साहित है। हालांकि बीते शनिवार से झील क्षेत्र में पर्यटकों की चहल कदमी बढऩी शुरू हो गई थी। लेकिन रविवार को झील क्षेत्र दिनभर पर्यटकों से गुलजार रही। पिछले एक माह से औसतन प्रतिदिन चार से पांच सौ लेकर तक सैलानी झील में बोटिंग करने पहुंच रहे थे।
टिहरी झील विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण (टाडा) के जल क्रीड़ा अधिकारी नवीन नेगी का कहना है कि गर्मी बढऩे और स्कूलों में छुट्टी होने से पर्यटक अधिक संख्या में पहुंचे है। उन्होंने बताया कि रविवार को लगभग 900 सैलानियों ने बोटिंग की है।