पहाड़ की दहाड़ –कर्नाटक से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर आई यहां उसने स्पष्ट बहुमत को पार कर भाजपा को चारों खाने चित कर दिया। इस प्रचंड जीत पर कांग्रेसियों के हौसले बुलंद हैं। 2024 से पूर्व कांग्रेस के लिए यह बड़ी जीत निश्चित तौर पर उसके लिए संजीवनी का काम करेगी । वहीं दूसरी ओर भाजपा को इस करारी हार पर आत्ममंथन करने की जरूरत है।
कर्नाटक चुनाव में कुल 224 सीटों पर जो परिणाम सामने आया , उसमें कांग्रेस को 136 सीटों पर विजय मिली। उससे इस चुनाव में पिछले चुनाव की अपेक्षा 56 सीटों का फायदा हुआ । वहीं भारतीय जनता पार्टी को 40 सीटों का बड़ा नुकसान इस चुनाव में हुआ और उसे 64 सीटों पर ही विजय हासिल हुई। बात करें जेडीएस की तो उसे भी 17 सीटों का नुकसान होकर 20 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। जबकि अन्य के खाते में 4 सीटें गई। कांग्रेसी इस जीत को राहुल गांधी की भारत यात्रा जोड़ो और धर्मनिरपेक्षता की जीत बता रहे हैं। वहीं भाजपा को इतनी बड़ी करारी हार कर्नाटक चुनाव में एक बड़ा सबक मिला। भाजपा जिस तरह से विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ताओं को किनारे कर विभिन्न विचारधारा से जुड़े लोगों को पार्टी में तवज्जो दे रही है। उसी का नतीजा आज देखने को मिला। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई ने एक बार कहा था कि पुराना एक भी पुराना कार्यकर्ता नहीं टूटना चाहिए ,भले ही नए 10 कार्यकर्ता टूट जाएं। वर्तमान में पार्टी उससे अलग हटकर नई कार्यकर्ता को तवज्जो देकर कई पुराने कार्यकर्ताओं को नाराज कर रही है, यह पार्टी को समझना होगा। कर्नाटक चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई दिग्गजों ने पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार किया । फिर भी पार्टी को करारी हार मिली। जबकि कांग्रेस में प्रियंका गांधी ,राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने पार्टी की कमान को संभाले हुए थे। कर्नाटक चुनाव में भाजपा को जो बड़ा नुकसान उठाना पड़ा एक कारण आंतरिक गुटबाजी, दूसरा भ्रष्टाचार, महंगाई मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा आदि सामने आ रही है। कांग्रेस ने इस चुनाव में स्थानीय मुद्दों, और भ्रष्टाचार पर चुनाव लड़ा जिसका फायदा उसको इतनी बड़ी जीत में मिला। इस चुनाव से कांग्रेस को आने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम जैसे राज्यों में संजीवनी का काम करेगा। वहीं विपक्ष को कांग्रेस 2024 के चुनाव में एकजुट करने का मौका मिलेगा। आज कांग्रेस की इस बड़ी जीत पर राजधानी देहरादून में भी कांग्रेसियों ने राजपुर रोड कांग्रेस मुख्यालय पर ढोल -नगाड़ा और आतिशबाजी कर कांग्रेस मुख्यालय से घंटाघर तक प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेसियों ने जुलूस निकालकर एक दूसरे को मिठाई खिलाई। कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने इस जीत का श्रेय राहुल गांधी को देते हुए कहा कि देश की जनता ने राहुल गांधी के संघर्ष को और उनके भारत जोड़ो यात्रा पर अपनी मुहर लगाई।
यह जीत धर्मनिरपेक्षता की जीत है। कर्नाटक में जो 40 परसेंट का खेल चल रहा था उस भ्रष्टाचार पर कर्नाटक के लोगों ने चाबुक लगाया। गरिमा दसोनी ने कहा कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस ऐसा ही प्रदर्शन करेगी देश की जनता जुमलेबाजी पर अधिक दिनों तक चुप नहीं बैठेगी । दक्षिण से भाजपा के पतन की शुरुआत हो चुकी है।