पहाड़ की दहाड़ –राजनीति के साथ साथ साहित्यिक क्षितिज पर नित नये मुकाम हासिल करने वाले पूर्ब मुख्य मंत्री, पूर्ब केंद्रीय शिक्षा मंत्री सांसद डॉ रमेश पोखरियाल का फोर जी टीम द्वारा संस्कार स्कूल में ब्रिटिश संसद द्वारा साहित्यिक क्षेत्र में भारत गौरब पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर उनका अभिनंदन सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि भारत अपने सनातन मूल्यों ज्ञान विज्ञान कर्म साधना व संस्कार से विश्व के कल्याण के कामना के साथ विश्व गुरु है। विश्व को एक परिवार के साथ जीवन के सच व खुशहाली का मंत्र देने वाला भारत आज विश्व को दिशा दे रहा है । उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि हर व्यक्ति साहित्यिक है फर्क यह है कि कोई भाव व संवेदनाओं को प्रकट करता है कोई शांत बैठा है डॉ निशंक ने कहा कि अपने हर दिन के अच्छे बुरे अनुभवों को लिखना शुरू करे। उन्होंने नई शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों की जानकारी देते हुए बताया कि इसे अब धरातल पर उतराने की आवश्यकता है। डॉ निशंक ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्य कौशल से आज विश्व भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है। विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने व कोरोना से निपटने के इंतजाम हो प्रधान मंत्री मोदी ने दुनिया को नया संदेश दिया है। इस अवसर पर पदम श्री साहित्यकार डॉ लीलाधर जगुडी ने अपने विभिन्न अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि हमे अपने मूल शब्दों के भावों के प्रति सजग रहना चाहिए। हिंदी को अपना शब्द कोश अच्छा व मजबूत बनाना चाहिए। इस अवसर पर लेफ्टिनेट जनरल वी के अहलवालिया ने अपने संस्मरणो को साझा करते हुए कहा कि एक दशक पूर्ब डॉ निशंक जी के पुस्तकों को पढ़ने के बाद प्रेरणा जगी तथा उनके द्वारा भी भारत के सुरक्षा के बारे में पुस्तके लिखी है। शिक्षाविद कमला पंत ने अपने वेबाकी अंदाज में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि डॉ निशंक ने अपने व्यवहार से अपनी अमिट छवि बनायी है। इस अवसर पर संस्कार स्कूल की प्रधानाचार्य शैलजा सक्सेना ने नई शिक्षा नीति कि सराहना करते हुए अपने अनुभवों को साझा किया। इस अवसर साहित्यकार मुकेश नौटियाल ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि डॉ निशंक का व्यवहार भाव आज भी वही है जो पहले था यही भाव उन्हें साहित्य सृजन को बढ़ाता है। इस अवसर पर साहित्यकार एरा कुकरेती , संस्कार स्कूल की निदेशक समानिका सिंह ने अपने सृजन के अनुभवों को साझा किया।
इस अवसर पर साहित्यिक व सामाजिक लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले वरिष्ठ कवि श्री कांत शर्मा, जसबीर हलधर, नीता कुकरेती, मुकेश नौटियाल, तेजराम सेमवाल, बलवंत बोरा को डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, व पदम श्री लीलाधर जगुडी के कर कमलों से पटका पहना कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कवियत्री नीता कुकरेती के सुंदर गान के साथ हुआ। संस्कार स्कूल के चेयरमैन कवि हृदय शालीन सिंह ने अपनी रचना छः वर्ष के संस्कार से ही जीवन की आवाज को बुलंद करते हुए सबका अभिनंदन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक फोर जी टीम के अध्यक्ष सुभाष भट्ट ने सबका आभार प्रकट करते हुए सबका अभिनंदन किया। कार्यक्रम का सफल संचालन कवि श्रीकांत शर्मा ने किया। इस अवसर पर 4 जी टीम के अनुज पुरोहित, डॉ राकेश उनियाल, गौरी रौतेला, ज्योतिका पांडे, पूनम रावत प्रभा गुसाईं, डॉ जय देव पैन्यूली, विजय सती, विनोद कुमार पांडे विनोद सिंह पंवार, उर्मिला मेहरा, अनिता खोडियाल, ममता बिष्ट, डॉ ओम प्रकाश नौटियाल, कै अमर सिंह गुसाईं, कै राजेंद्र सिंह बिष्ट, सूबेदार ध्यान सिंह रावत एन एस बिष्ट, यामिनी पांडे, डॉ हरीश रावत, हेमंत डिमरी, सोनू बिष्ट, रमा शुक्ला, शोभा सुंदरम, वी के सुंदरम, प्रजापति नौटियाल, राजीव पूरी, प्रशांत खरोला, दुर्गा प्रसाद, रूपेन्द्र बिष्ट ,गीतांजलि दत्ता, सुमंगली नेगी, राजीव पूरी, दीपा रावत,बंदना रावत संगीता बिजलवान, शोभा नेगी, सहित कई गण मान्य व्यक्ति उपस्थित थे।